#हो_सकता_है... कल मैं न रहूँ...
Like us on FB
पर तुम उदास न होना,
झरोखे से अंबर को देखना
और अपनी सूनी आँखो को टिका देना
सबसे चमकीले तारे पर,
हाँ ध्रुवतारे पर
उसी की मांनिद स्थिर अचल रहूँगा
तुम्हारे अंतर्मन में !
हो_सकता_है...
कल मैं न रहूँ
तुम निराश न होना
सुनना तुम देवालय से आती
प्रार्थना की सुर लहरियाँ
उनकी गूँज सदृश गुंजायमान रहूंगा मैं
तुम्हारे मन मंदिर में
सदैव !
हो_सकता_है
कल मैं न रहूँ
तुम परेशां न होना
पढ़ना महान कवियों का कविता संग्रह
प्रत्येक कविता के शब्दों में मिलूंगा,
'मैं'भाव विभोर करता हुआ तुम्हे !!
सुनो...विछोह

हो_सकता_है ,
सरीखी सम्भावनाओं को
विराम दे ही देना...तुम ,
तुम्हारे इर्द गिर्द मैं ही मिलूंगा हमेशा-हमेशा !!
Comments
Post a Comment