तेरा साथ है तो, मुझे क्या कमी है,


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तेरा साथ है तो, मुझे क्या कमी है,
अंधेरो से भी, मिल रही रोशनी है...
कुछ भी नही है तो, कोइ गम नही है,
हए एक बेबसी, बन गयी चांदनी है....

टूटी है कश्ती, तेज है धारा
कभी ना कभी तो, मिलेगा किनारा
बही जा रही, ये समय की नदी है
इसे पार करने की आशा जगी है
हर इक मुश्किल सरल लग रही है
मुझे झोपडी भी महल लग रही है
इन आखो मे माना, नमी ही नमी है
मगर इस नमी पर ही दुनिया थमी है

मेरे साथ तुम मुस्कुरा के तो देखो
उदासी का बादल हटा के तो देखो
कभी है ये आंसू, कभी ये हसी है
मेरे हमसफ़र, बस यही जिन्दगी है...

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