मुझे दे दो इतनी इजाजत....


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हर रोज़ खा जाते थे वो कसम मेरे नाम की,
आज पता चला की जिंदगी धीरे धीरे ख़त्म क्यूँ हो रही है...

ख्वाबों की सजी थी महफिल, पर हसरत नीलाम हो गई,,,,,
तूने क्या एक नजर देखा, मेरी रूह तक तेरी गुलाम हो गई....!!!!

'ईश्क' की 'राह' पर
            कुछ यूं हादसा हुआ
यादें तो रहीं.. साथ 'हमारे'
       'जज़्बातों' का तमाशा हुआ...

सौ बार दिल से कहा कि
    भूल जा उसे
सौ बार दिल ने कहा कि ये
 बात तुम दिल से नहीं कहते..

तुझे रहनुमा मै बना लूँ

      इतनी हो मुझको इजाजत

तेरे सजदे में सर झूकाउं

      मुझे दे दो इतनी इजाजत....

नींदें छीन रखी है तेरी यादों ने..!!

गिला तेरी दुरी से करें या अपनी चाहत से....!!!!

जमाना वफादार नहीं है तो फिर क्या हुआ...!!!

धोखेबाज भी तो हंमेशा अपने ही होते है...!!!

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