दिल को जला दिया.. .


Like us on FB

उसकी हमने बेवफ़ाई का कुछ ऐसा सिला दिया।
हर नई सितम पे उसको नजरो से और गिर दिया...
वो सोचता होगा की वो अब भी मेरा खुदा है।
उसे क्या खबर उसे कबका मैंने भुला दिया...
मेरे मासूम से इस दिल के लिए इतना आसान तो नही था..
दिल में ही रखकर उसे जिन्दा दिल को जला दिया...
जिससे चाहा था बिखरने से बचा ले मुझको,
कर गया तेज हवाओं के हवाले मुझ को,
मैं वो बुत हूँ कि तेरी याद मुझे पूजती है,
फिर भी डर है ये कहीं तोड़ न डाले मुझको।

Comments

Popular posts from this blog

ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की

मंजिल से आगे बढ़ कर मंजिल तलाश कर !!

कभी शाम ढले.. तो मेरे दिल में आ जाना!!