"लफ़्ज़" "आईने" हैं


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"लफ़्ज़" "आईने" हैं
मत इन्हें "उछाल" के चल,
"अदब" की "राह" मिली है तो
"देखभाल" के चल
मिली है "ज़िन्दगी" तुझे
इसी ही "मकसद" से,
"सँभाल" "खुद" को भी और
"औरों" को "सँभाल" के चल..!!


"lafz" "aaeene" hain
mat inhen "uchhaal" ke chal,
"adab" kee "raah" milee hai to
"dekhabhaal" ke chal
milee hai "zindagee" tujhe
isee hee "makasad" se,
"sanbhaal" "khud" ko bhee aur
"auron" ko "sanbhaal" ke chal..!!

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