दोस्ताना


Like us on FB
दोस्ताना कम से कम इतना बरकरार रखो,

कि *मजहब* बीच में न आये,

कभी तुम उसे *मंदिर* तक छोड़ दो,

कभी वो तुम्हें *मस्जिद* छोड़ आये ..!!

Comments

Popular posts from this blog

ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की

मंजिल से आगे बढ़ कर मंजिल तलाश कर !!

कभी शाम ढले.. तो मेरे दिल में आ जाना!!