मंजिल से आगे बढ़ कर मंजिल तलाश कर !!
मंजिल से आगे बढ़ कर मंजिल तलाश कर !! मिल जाये तुझको दरया तो समन्दर तलाश कर !! हर शीशा टूट जाता है पथ्थर की चोट से !! पथ्थर ही टूट जाये वो शीशा तलाश कर !! सजदों से तेरे क्या हुआ सदियाँ गुजर गयीं !! दुनिया तेरी बदल दे वो सजदा तलाश कर !! ईमान तेरा टूट गया रहबर के हाथों से !! ईमान तेरा बचा ले वो रहबर तलाश कर !! हर शख्स जल रहा है अदावत की आग में !! इस आग को बुझा दे वो पानी तलाश कर !! करे सवार ऊंट पे अपने गुलाम को !! पैदल ही खुद चले जो वो आका तलाश कर !!
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