कभी शाम ढले.. तो मेरे दिल में आ जाना!!
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कभी शाम ढले.. तो मेरे दिल में आ जाना!!
कभी चाँद खिले ..तो मेरे दिल में आ जाना !!
मगर आना इस तरह तुम ...कि यहाँ से फिर ना जाना!!!
कभी शाम ढले ..तो मेरे दिल में आ जाना
तू नहीं है मगर ..फिर भी तू साथ है!!!
बात हो कोई भी ..तेरी ही बात है!
तू ही मेरे अन्दर है.. तू ही मेरे बाहर है!!
जब से तुझको जाना है ..मैने अपना माना है!
मगर आना इस तरह. तुम कि यहाँ से फिर ना !!!
रात-दिन की मेरी ..दिलक़शी तुम से है!!
ज़िन्दगी की क़सम ..ज़िन्दगी तुम से है!!
तुम ही मेरी आँखें हो ..सूनी तनहा राहों में!!
चाहे जितनी दूरी हो ..तुम हो मेरी बाँहों में!!
मगर आना इस तरह तुम ..कि यहाँ से फिर ना !!
कभी शाम ढले.. तो मेरे दिल में आ जाना!!
कभी चाँद खिले ..तो मेरे दिल में आ जाना!!***********
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